जहां तक नीतिगत ढांचे का संबंध है, भारत में कोयला खनन का कायापलट हो गया है। पहले के प्रतिबंधात्मक मॉडल से, हम प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के अनुसार कोयला खनन ब्लॉक देने और कोयले की वाणिज्यिक बिक्री की अनुमति देने के लिए विशिष्ट अंत्य उपयोग निर्धारित करने से आगे बढ़े हैं। 2014 में शुरू की गई नीलामी-आधारित व्यवस्था ने निजी क्षेत्र को भागीदारी की अनुमति दी, तथापि यह अपने अंत्य उपयोग संयंत्रों में कैप्टिव उपयोग तक सीमित थी। अब, इस क्षेत्र को 2020 में निजी कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए खोल दिया गया है और वाणिज्यिक खनन की पहली सफल नीलामी माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 18.06.2020 को शुरू की गई और 19 कोयला खानों के आवंटन के साथ संपन्न हुई।
वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी दो चरणों वाली ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आयोजित की जाती है, जिसमें पहले चरण में तकनीकी जांच और प्रतिस्पर्धी प्रारंभिक मूल्य प्रस्ताव प्रस्तुत करना शामिल है, और दूसरा तथाअंत्य चरण जहां बेहतर मूल्य प्रस्ताव प्राप्त करने का प्रयोजन है।
वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी प्रतिबंधित क्षेत्रों, उपयोग और मूल्य के पहले के शासन से पूरी तरह अलग हैं। अब, इस तरह के कोई प्रतिबंध नहीं हैं। नीलामी में नियम और शर्तें हैं जो बहुत उदार हैं, नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति, अग्रिम राशि कम, रॉयल्टी के खिलाफ अग्रिम राशि का समायोजन, कोयला खानों को चालू करने के लिए लचीलेपन को प्रोत्साहित करने के लिए उदार दक्षता मानदंड, पारदर्शी बोली प्रक्रिया, स्वत: मार्ग के माध्यम से 100%एफडीआई की अनुमति है और राष्ट्रीय कोयला सूचकांक के आधार पर उचित वित्तीय शर्तें और राजस्व शेयरिंग मॉडल है।
अब तक 64 कोयला खानों की सफलतापूर्वक नीलामी करके कोयला/लिग्नाइट खानों की नीलामी के 5 दौर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:-
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