कम से कम धूलउत्त्पन्नहो इसके लिए गीलीड्रिलिंग का इस्तेमाल किया जाताहै।ड्रिल मशीनों में धूल दबाने का सिस्टम भी लगा हुआ होताहै। सतहीखनिकों बी डब्ल्यू ई का अधिक से अधिक उपयोग ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग की आवश्यकता को कम करता है तथा इस प्रकार प्रदूषण कम होता है।वाहनों का आवधिक रखरखाव उत्सर्जनों को कम करने वाले विनिर्माताओं के मानकों के अनुसार किया जाता है।


खानोंमेंलोडिंग, ट्रांसफरऔरअनलोडिंग प्वाइंट्स पर धूल दबाने के सिस्टम लगाए जाते हैं।इसके अतिरिक्त, वाशरी, सीएचपी,फीडरब्रेकर,क्रशर,बेल्टकन्वेयर,हॉलरोडऔर कोयला भंडार क्षेत्रों में फ्यूजिटीव डस्ट को रोकने के लिए जल छिड़काव प्रणालियां स्थापित की गई हैं।


धूल को एयर बोर्न बनने से रोकने के लिए खानों, सीएचपी, वर्कशॉप और कॉलोनियों को जोड़ने वाली सभी सड़कें ब्लैक टॉपकर दी गई हैं।मिस्ट स्प्रे सिस्टम को शुरू किया गया है और ट्रकों को तिरपाल से कवर किया जा रहा है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए फॉग कैनन, व्हील वॉशिंग सिस्टम, मैकेनिकल रोड स्वीपर आदि को विनियोजित किया जा रहा है।





कोयला कंपनियां फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी की परियोजनाओं (एफएमसी परियोजनाएं) को लांच कर रही है जिसका उद्देश्य परंपरागत लोडिंग प्रणाली एवं सड़क परिवहन को रेल/एमजीआर/कन्वेयरों/ट्यूब कन्वेयर नेटवर्क के माध्यम से परिवहन की तीव्र मशीनीकृत लोडिंग प्रणाली के साथ बदलना है। कुछ परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और अन्य परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य चल रहा है। वर्ष 2023-24 तक 565 एमटीवाई कोयले का रख-रखाव करने के लिए 35 एफएमसी परियोजनाओं को शुरू करने की परिकल्पना की गई है। यह परियोजनाएं न केवल वायु प्रदूषण को कम करती है बल्कि इनके परिणामस्वरूप कार्बन फुटप्रिंट में भी पर्याप्त कमी होती है।


वायु के कारण ओबीडंप से उत्पन्न धूल कोढलानों पर घास लगाकर और डंप बनने के तुरंत बाद इन पर पौधरोपण द्वारा का फीनियंत्रित किया जाता है।धूल नियंत्रण के लिए सड़कों के किनारे एवेन्यू वृक्षारोपण किया जाताहै।खान और ओबी डंप के आस पास वृक्षारोपण किया जाताहै, जोएयर बोर्न डस्टकेफैलाव को रोकने के लिए एक अवरोध के रूप में कार्य करता है।एक सीमित क्षेत्र के भीतर धूल की आवाजाही को रोकने के लिए विंड स्क्रीन का सृजन किया गया है।


कोयला खानों में और उसके आस-पास परिवेशी वायु गुणवत्ता की नियमित रूप से सांविधिक व्यवस्थाओं के अनुसार निगरानी की जाती है और इनके परिणाम विनियामक एजेंसियों के साथ साझा किए जाते हैं। ओपनकास्ट खानों में कंटीन्यूस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मोनिटरिंग सिस्टम (सीएएक्यूएमएस) भी स्थापित किए गए हैं जो परिवेशी वायु गुणवत्ता मापदंडों की रियल टाइम निगरानी के लिए एसपीसीबी वेबसाइटों से जुड़े हुए हैं। वायु गुणवत्ता स्तर कोअनुमत सीमा के भीतर लाने के लिए, यदि आवश्यक हो, तोअतिरिक्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय किए जाते हैं।

एक स्थान में विभिन्न उत्सर्जन नियंत्रण और मित्व्ययी उपायों के साथ, खनन क्षेत्रों में और इनके आस-पास के क्षेत्रों में परिवेशी वायु गुणवत्ता के मानकों को निर्धारित सीमाओं के भीतर अनुरक्षित किया जाता है।



