उत्पादन एवं आपूर्ति

कोयला उत्पादन
सतत निवेश कार्यक्रम एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने पर व्यापक रूप से बल देते हुए कोयले केअखिल भारत उत्पादन को वर्ष 2020-21 में 716.08 मिलियन टन (अनंतिम) तक बढ़ाना संभव हो पाया है।2021-2022 के दौरान कोयले का अखिल भारत उत्पादन 8.67% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 778.19 मि.ट. (अनंतिम) था।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) तथा इसकी सहायक कंपनियों ने वर्ष 2019-20 में 602.129 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2020-21 के दौरान 0.98% की नकारात्मक वृद्धि दर्शाते हुए 596.221 मिलियन टन उत्पादन किया है। 2021-22 के दौरान कोल इंडिया लि. द्वारा कोयले का उत्पादन 7.43% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 622.634 मि.ट. (अनंतिम) था।
सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) दक्षिणी क्षेत्र में कोयला आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। कंपनी ने वर्ष 2020 21 के दौरान 50.580 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है जबकि इसकी तुलना में गत वर्ष के उसी अवधि में यह 64.044 मिलियन टन था। 2021-22 के दौरान एससीसीएल द्वारा कोयले का उत्पादन 28.55% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 65.022 मि.ट. (अनंतिम) था। टिस्को, आईआईएससीओ, डीवीसी तथा अन्य द्वारा भी कुछ कोयले का उत्पादन किया जाता है।
2022-2023
कोयला उत्पादन और ऑफ-टेक, अप्रैल-फ़रवरी- 2022-2023 तक (मि.ट. में)
उत्पादन* | ऑफटेक/प्रेषण* | |||||||
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कंपनी | लक्ष्य | उपलब्धि (अनंतिम) | गत वर्ष की तदनुरुपी अवधि के दौरान वास्तविक |
वृद्धि (%) | लक्ष्य | उपलब्धि (अनंतिम) | गत वर्ष की तदनुरुपी अवधि के दौरान वास्तविक |
वृद्धि (%) |
सीआईएल@ | 700.00 | 619.70 | 542.38 | 14.26 | 700.00 | 630.75 | 602.00 | 4.78 |
एससीसीएल@ | 70.00 | 60.14 | 58.58 | 2.66 | 70.00 | 60.11 | 59.58 | 0.90 |
कैप्टिव और अन्य | 141.00 | 105.40 | 81.03 | 30.08 | 141.00 | 104.09 | 82.55 | 26.10 |
कुल | 911.00 | 785.24 | 681.98 | 15.14 | 911.00 | 794.96 | 744.13 | 6.83 |
स्रोत: सीसीओ,संसोधित वार्षिक योजना 2022-23 868.00 के लिए कोयला कंपनियों और अन्य के संबंध में उत्पादन और प्रेषण लक्ष्य | ||||||||
नोट: सीआईएल के उत्पादन एवं ऑफ-टेक में गारे पाल्मा IV/1 तथा IV/2 और 3 शामिल है तथा कैप्टिव उत्पादन में ये ब्लॉक शामिल नहीं है।. |
कोयले का वितरण और विपणन
सीआईएल का विपणन प्रभाग अपनी सभी सहायक कंपनियों के विपणन के कार्यकलाप का समन्वय करता है। सीआईएल ने देश में चयनित स्थानों पर क्षेत्रीय विक्रय कार्यालय तथा उप-विक्रय कार्यालय स्थापित किए हैं ताकि विभिन्न क्षेत्रों में उपभोक्ता क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
कोयले का आयात
वर्तमान आयात नीति के अनुसार, उपभोक्ता अपनी वाणिज्यिक सूझबूझ के आधार पर अपनी आवश्यकताओं को देखते हुए कोयले का आयात (खुला सामान्य लाईसेंस के अंतर्गत) करने के लिए स्वतंत्र हैं।
स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) तथा अन्य स्टील विनिर्माण ईकाइयों द्वारा कोकिंग कोयले का आयात मुख्य रूप से आवश्यकता एवं स्वदेशी उपलब्धता के बीच अंतर को कम करने तथा गुणवत्ता सुधार के लिए है। कोयला आधारित विद्युत संयंत्र, सीमेंट संयंत्र, कैप्टिव पॉवर संयंत्र, स्पांज आयरन संयंत्र, औद्योगिक उपभोक्ता तथा कोयला व्यापारी नॉन-कोकिंग कोयले का आयात कर रहे हैं। कोक का आयात मुख्य रूप से पिग ऑयरन विनिर्माताओं तथा मिनी ब्लॉस्ट फरनेस का उपयोग करने वाले स्टील क्षेत्र के उपभोक्ताओं द्वारा किया जाता है।
पिछले 4 वर्षों के दौरान कोयला आयात तथा उत्पाद अर्थात् कोक के ब्यौरे नीचे दिए गए हैं:
(मिलियन टन)
कोयला | 2018-19 | 2019-20 | 2020-21 | 2021-22 | 2022-23(अनंतिम)* | |
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कोकिंग कोयला | 51.84 | 51.83 | 51.20 | 57.16 | 43.208 | |
नान कोकिंग कोयला | 183.51 | 196.70 | 164.05 | 151.77 | 142.851 | |
कुल आयात | 235.35 | 248.53 | 215.25 | 208.93 | 186.059 | |
कोक | 4.93 | 2.88 | 2.46 | 2.48 | 2.652 | |
*आयात दिसंबर, 2022तक (स्रोत: -DGCI&S) |
कोयला उत्पादन और ऑफटेक डेटा (पिछले 10 वर्ष).
पिछले पांच वर्षों के दौरान कोकिंग कोल वाशरी का प्रदर्शन
पिछले दस वर्षों के दौरान प्रकार द्वारा कोयले का प्रेषण
पिछले दस वर्षों के लिए कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन
पिछले दस वर्षों के दौरान कोकिंग कोल का उत्पादन
पिछले दस वर्षों के दौरान गैर-कोकिंग कोयले का उत्पादन
पिछले दस वर्षों के दौरान ओपनकास्ट और भूमिगत खानों से कच्चे कोयले का उत्पादन