उत्पादन एवं आपूर्ति

उत्पादन एवं आपूर्ति

कोयला उत्पादन

सतत निवेश कार्यक्रम एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने पर व्यापक रूप से बल देते हुए कोयले केअखिल भारत उत्पादन को वर्ष 2022-23 में 893.19 मिलियन टन (अनंतिम) तक बढ़ाना संभव हो पाया है।2023-2024 के दौरान कोयले का अखिल भारत उत्पादन 11.65% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 997.25 मि.ट. था।


कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) तथा इसकी सहायक कंपनियों ने वर्ष 2022-23 में 703.20 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2021-22 के दौरान 12.94% की सकारात्मक वृद्धि दर्शाते हुए 622.63 मिलियन टन उत्पादन किया है। 2023-24 के दौरान कोल इंडिया लि. द्वारा कोयले का उत्पादन 10.02% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 773.64 मि.ट. था।

सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) दक्षिणी क्षेत्र में कोयला आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। कंपनी ने वर्ष 2022-23 के दौरान 67.14 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है जबकि इसकी तुलना में गत वर्ष के उसी अवधि में यह 65.02 मिलियन टन था। 2023-24 के दौरान एससीसीएल द्वारा कोयले का उत्पादन 4.30% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 70.02 मि.ट.  था। टिस्को, आईआईएससीओ, डीवीसी तथा अन्य द्वारा भी कुछ कोयले का उत्पादन किया जाता है।

 2024-2025

कोयला उत्पादन और ऑफ-टेक, अप्रैल-जून 2024-25 तक (मि.ट. में)

  उत्पादन* ऑफटेक/प्रेषण*
कंपनी लक्ष्य उपलब्धि (अनंतिम) गत वर्ष की तदनुरुपी
अवधि के दौरान वास्तविक
वृद्धि (%) लक्ष्य उपलब्धि (अनंतिम) गत वर्ष की तदनुरुपी
अवधि के दौरान वास्तविक
वृद्धि (%)
सीआईएल@ 838.00 189.29 175.47 7.88 838.00 197.44 187.20 5.47
एससीसीएल@ 72.00 16.71 17.10 -2.29 72.00 16.89 18.03 -6.32
कैप्टिव और अन्य 170.00 41.40 30.81 24.41 170.00 47.76 35.62 34.08
कुल 1080.00 247.40 223.38 10.75 1080.00 262.09 240.85 8.82
स्रोत: सीसीओ
नोट: सीआईएल के उत्पादन एवं ऑफ-टेक में गारे पाल्मा IV/1 तथा IV/2 और 3 शामिल है तथा कैप्टिव उत्पादन में ये ब्लॉक शामिल नहीं है।.

कोयले का वितरण और विपणन

सीआईएल का विपणन प्रभाग अपनी सभी सहायक कंपनियों के विपणन के कार्यकलाप का समन्वय करता है। सीआईएल ने देश में चयनित स्थानों पर क्षेत्रीय विक्रय कार्यालय तथा उप-विक्रय कार्यालय स्थापित किए हैं ताकि विभिन्न क्षेत्रों में उपभोक्ता क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

कोयले का आयात

वर्तमान आयात नीति के अनुसार, उपभोक्ता अपनी वाणिज्यिक सूझबूझ के आधार पर अपनी आवश्यकताओं को देखते हुए कोयले का आयात (खुला सामान्य लाईसेंस के अंतर्गत) करने के लिए स्वतंत्र हैं।


इस्पात क्षेत्र द्वारा कोकिंग कोयले का आयात मुख्य रूप से आवश्यकता और स्वदेशी उपलब्धता के बीच अंतर को पाटने और गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा रहा है। अन्य क्षेत्र जैसे पावर सेक्टर, सीमेंट आदि और कोयला व्यापारी नॉन-कोकिंग कोयले का आयात कर रहे हैं।


पिछले 4 वर्षों के दौरान कोयला आयात तथा उत्पाद अर्थात् कोक के ब्यौरे नीचे दिए गए हैं:

(मिलियन टन)

कोयला 2020-21 2021-22 2022-23 2023-24 2024-25*
कोकिंग कोयला 51.20 57.16 56.05 58.12 10.457
नान कोकिंग कोयला 164.05 151.77 181.62 202.88 36.861
कुल आयात 215.25 208.93 237.67 261.00 47.318
कोक 2.46 2.48 3.63 3.96 0.716
*आयात  अप्रैल-मई, 2024 तक (स्रोत: -DGCI&S)

कोयला उत्पादन और ऑफटेक डेटा (पिछले 10 वर्ष).

पिछले पांच वर्षों के दौरान कोकिंग कोल वाशरी का प्रदर्शन

पिछले दस वर्षों के दौरान प्रकार द्वारा कोयले का प्रेषण

पिछले दस वर्षों के लिए कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन

पिछले दस वर्षों के दौरान कोकिंग कोल का उत्पादन

पिछले दस वर्षों के दौरान गैर-कोकिंग कोयले का उत्पादन

पिछले दस वर्षों के दौरान ओपनकास्ट और भूमिगत खानों से कच्चे कोयले का उत्पादन